कन्या राशि एक नजर में
(Sixth sign of zodiac)
अधिपति: बुध।
प्रतीक चिन्ह्: कन्या।
शुभ ग्रह : बुध, शुक्र।
अशुभ ग्रह : चंद्रमा, मंगल, गुरु।
सम: सूर्य, बुध, शनि।
मारक: चंद्रमा, मंगल, गुरु,
शुक्र।
बाधक स्थान: मीन (7वां)।
बाधकपति: वृहस्पति।
योगकारक: बुध, शुक्र।
उच्चस्थ: बुध 15°
नीचस्थ: शुक्र 27°
मूलत्रिकोण: बुध (15° - 20°)
आदर्श मिलान राशि: वृष, कर्क,
वृश्चिक, मकर।
चंद्रमा शुभ डिग्री: 9°
चंद्रमा अशुभ डिग्री: 1°, 11°
प्रतीक चिन्ह्: कन्या।
शुभ ग्रह : बुध, शुक्र।
अशुभ ग्रह : चंद्रमा, मंगल, गुरु।
सम: सूर्य, बुध, शनि।
मारक: चंद्रमा, मंगल, गुरु,
शुक्र।
बाधक स्थान: मीन (7वां)।
बाधकपति: वृहस्पति।
योगकारक: बुध, शुक्र।
उच्चस्थ: बुध 15°
नीचस्थ: शुक्र 27°
मूलत्रिकोण: बुध (15° - 20°)
आदर्श मिलान राशि: वृष, कर्क,
वृश्चिक, मकर।
चंद्रमा शुभ डिग्री: 9°
चंद्रमा अशुभ डिग्री: 1°, 11°
परफ्यूम/सुगंध: नरगिस।
भाग्यशाली रत्न: पन्ना, मोती, हीरा,
पीला नीलम।
भाग्यशाली रंग: सफेद, पीला, हरा
पीला नीलम।
भाग्यशाली रंग: सफेद, पीला, हरा
लाल, नीला काले रंग से बचें।
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भाग्यशाली दिन: सोमवार, बुधवार,
वृहस्पतिवार,
शुक्रवार।
भाग्यशाली संख्या: 4, 7, 9.
व्रत का दिन: शुक्रवार।
नियंत्रण: हड्डी, मांस, पेट/तोंद।
वृहस्पतिवार,
शुक्रवार।
भाग्यशाली संख्या: 4, 7, 9.
व्रत का दिन: शुक्रवार।
नियंत्रण: हड्डी, मांस, पेट/तोंद।
विशेष लक्षण :
थलीय, सामान्य, दोहरा, अस्थायी, द्विस्वभाव राशि, बंजर,दक्षिण, सूखा, स्त्री, नकारात्मक, दोपाया, दिनचर, लम्बे चढ़ाव का, दक्षिणायन, वातमय, आश्विन (15सितम्बर - 15अक्टूबर), दोपहर को अन्धा, सौर - क्षेत्र, शुभ, सम, रात की राशि, जीव (कीट से मानव तक), वैश्य, स्वर, बौद्धक, चिकित्सा संबंधी, मनुष्य, कामुक, आत्मिक व मानसिक राशि।
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रूप, रंग व आकार :
सुन्दर, अत्यंत आकर्षक, सुस्त किन्तु युवा स्वरूप, सुगठित शरीर, कम लम्बा, गोरा रंग, चौड़ा चेहरा, सुन्दर आँखें, शर्मीली व निस्तेज आँखे, सीधी नुकीली नाक, झुके हुए कन्धे व भुजाएं, तेज चाल, चौड़ी छाती, बड़े गाल, सामान्य रूपरेखा।
सकारात्मक लक्षण/गुण :
व्यवहार कुशल, दयालु, शांति व व्यवस्था से प्यार, सच्चा, बुद्धिमान, अच्छी स्मृति, भावनात्मक रूप से सजीव, भेदमूलक, हाजिर जवाब, संगीत व ललित कलाओं का प्रेमी, समर्पित, मजाकिया व आकर्षक, यथार्थ, विश्लेषणात्मक, रूचिकर व्यक्ति, व्यवस्थित, अति सावधान, दूरंदेशी, मितव्ययी, धीरे बोलना, विवेकी।
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नकारात्मक लक्षण/गुण :
छिद्रान्वेषी, अपनी प्रबल भावनाओं को प्रकट ना होने देना, सनकी/झक्की, शर्मीला, अव्यवहारिक, निन्दक को दूर रखना, लापरवाह, स्वार्थी, आत्मविश्वास की कमी, पाखंडी, नखरेबाज, प्रतिशोधी, बात का बतंगड़ बनाना, सनकी और चिड़चिड़ा, बेचैन और चिन्ति्त, हवाई पुल बनाना, हठधर्मी, अत्यधिक मांग/तकाजा करना।
अधिशासित शारीरिक अंग :
उदर, आंत, नाभि से नीचे, गुप्तांगों से आधे भाग तक।
ग्रन्थियां, नसें व धमनियां :
निचली पृष्ठिय नसें/तंत्रिकाएं।
संभावित रोग :
गठिया, गुदा संबंधी समस्या, आंत में फोड़ा, अरूचि/क्षुधानाश, आंत्र की समस्या, हैजा, कब्ज, उदरशूल, बहरापन, अतिसार, पाचन विकार, पेचिश, पेट का फूलना, आंत उतरना, आंत संबंधी विकार, बदहजमी, हस्तमैथुन, कुपोषण, स्नायु गुच्छ, प्लीहा से संबंधित समस्याएं, नसों से संबंधित रोग।
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व्यवसाय व व्यापार :
एकाउंटेन्ट, अभिनेता, लेखक, शिक्षक, साहित्यकार, क्लर्क, आलोचक, चार्टड एकाउंटेन्ट, वाहनों से संबंधित, दांत का डॉक्टर, ललित कला, रत्न, सोना, मानसिक सक्रियता से संबंधित बौद्धिक कार्य, जौहरी, कला व उद्योग, व्यापार प्रबंधन, गणित प्रशिक्षण प्रबन्धन, नर्स, पाठक, छात्रवृत्तिधारी, सांख्यिकिविद, गायक।
राशि वाले :
1 - कन्या राशि वाले बहुत सावधान होते हैं किन्तु दूसरों में दोष ढूंढने में तेज होते हैं।
2 - ये दूसरों के लिए नीरसता की हद तक विस्तार के प्रेमी होते हैं।
3 - आलोचक, विश्लेषणात्मक और कर्तव्यनिष्ठ कन्या लग्न वालों के प्रतीक शब्द हैं।
4 - यदि शनि, शुक्र, बुध एक साथ हों तो ये इनके लिए विशिष्ट राजयोग का निर्माण करता है।
2 - ये दूसरों के लिए नीरसता की हद तक विस्तार के प्रेमी होते हैं।
3 - आलोचक, विश्लेषणात्मक और कर्तव्यनिष्ठ कन्या लग्न वालों के प्रतीक शब्द हैं।
4 - यदि शनि, शुक्र, बुध एक साथ हों तो ये इनके लिए विशिष्ट राजयोग का निर्माण करता है।
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