TOP TNF News: ज्योतिष मे डिप्रेशन के कारण और निदान

ज्योतिष मे डिप्रेशन के कारण और निदान

ज्योतिष मे डिप्रेशन के कारण और निदान


आज की व्यस्त जिंदगी मैं तनाव अक्सर होता हैं, लेकिन जरा जरा सी बात पर तनाव होना, चिड़चिड़ापन होना खुद की जिंदगी के साथ परिवार की खुशनुमा जिंदगी को भी बर्बाद कर देता है ।

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डिप्रेशन का मतलब होता है यदि कोई बात बहुत लंबे समय तक हमारे दिमाग में चलती रहती है, और एक समस्या ऐसा आता है, की वो बात आप पर हावी होने लगती है, जो आपके लिए एक बड़ी समस्या के रूप में उभर कर सामने आ सकती है, इसके कारण व्यक्ति के स्वाभाव में भी चिड़चिड़ापन आ जाता है, उसे अकेला रहना अच्छा लगता है, हमेशा हर किसी से कट रहता है, साथ ही इससे उस व्यक्ति के दिमाग पर भी बुरा असर पड़ता है, और इंसान गलत कदम उठाने पर मजबूर हो जाता है, जिसमे कभी वो अपना या कभी अपनो का नुकसान कर देता हैं ।

क्या होता हैं तनाव से नुकसान

प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है। पाचन तंत्र गड़बड़ा सकता है। प्रजनन की कार्यप्रणाली  बिगड़ सकती है। पुरुषों में शुक्राणु की कमी हो सकती है। महिलाओं को मासिक धर्म के समय परेशानी बढ़ सकती है। ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है , ह्रदय रोग हो सकता है , साँस लेने में परेशानी हो सकती है । शरीर में दर्द , सिर में दर्द , माइग्रेन , कब्ज या दस्त , भूख बंद होना , जी मिचलाना , चक्कर आना , कामेच्छा में कमी ,सीने में दर्द , ह्रदय की धड़कन बढ़ना ,बार बार सर्दी जुकाम , वजन बढ़ना या गिरना ,ऑटो इम्यून डिज़ीज , एग्जीमा , समय से पहले उम्र झलकना आदि हो सकते है।
जिस किसी को भी डिप्रेशन की बीमारी लग जाती हैं उसके दिमाग में सकारात्मक विचारो के लिए जगह नहीं रहती है, उसके दिमाग में हमेशा गलत विचार ही आते है।

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आइये ज्योतिष भाषा मे डिप्रेशन के कारण और निदान समझें

आपके जीवन मे चन्द्रमा की स्थिति पर तनाव आधारित होता हैं । कमजोर चन्द्रमा, पीढित चन्द्रमा ठीक नहीं है तो भी आप डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। कहा जाता है कि चंद्रमा को तीन ग्रह (शनि, राहु और सूर्य) प्रभावित करते हैं। ये तीनों ग्रह अलग-अलग तरह का डिप्रेशन पैदा करते हैं। लेकिन अगर किसी की कुंडली में बुध ताकतवर है तो उस पर किसी ग्रह का कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि बुध बुद्धि का कारक है और बुद्धि मन पर काबू कर लेती है।

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शनि चंद्रमा की युति या शनि की  नकारात्मक दृष्टि को प्रभावित करता है तो व्यक्ति को बहुत तकलीफ होती है। ऐसे हालात में व्यक्ति अध्यात्म की ओर चला जाता है। वहीं जब राहु तनाव  पैदा करता है तो व्यक्ति को कल्पना वाली बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।बिना वजह के सपने आते और रात को नींद नही आती । कई बार ये भी देखा गया कि नींद की गोली का असर भी नही होता। जब सूर्य चंद्रमा के निकट होता है तो व्यक्ति अपनी खुशी और दुख पर नियंत्रण नहीं कर पाता है।

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