TOP TNF News: वृश्चिक राशि एक नजर में

वृश्चिक राशि एक नजर में

वृश्चिक राशि एक नजर में

(Eighth sign of zodiac)
अधिपति: मंगल।
प्रतीक चिन्ह्: बिच्छु, केकड़ा।
शुभ ग्रह: सूर्य, चंद्रमा, बृहस्पति।
अशुभ ग्रह: बुध, शुक्र।
सम: मंगल, शनि।
मारक: बुध, शुक्र।
बाधक स्थान: कर्क।
बाधकपति: चंद्रमा।
योगकारक: सूर्य, चंद्रमा।
उच्चस्थ: केतु।
नीचस्थ: चंद्रमा 3, राहु।
मूलत्रिकोण: -कोई नही
मिलान राशि: वृष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर, मीन।
चंद्रमा  शुभ : 11°पर
चंद्रमा अशुभ : 14°,23°
परफ्यूम/सुगंध: साइमेज बेन्जायन/गुग्गुल।
भाग्यशाली रत्न: पीला नीलम, गहरे लाल रंग का मूंगा, रक्तमणि, गोमेद/सुलेमानी।
भाग्यशाली रंग: पीला, संतरी, लाल, क्रीम। शुद्ध श्वेत, नीला,
हरे रंग के प्रयोग से बचें
https://m.youtube.com/user/Ekkniya
भाग्यशाली दिन: रविवार, सोमवार, मंगलवार, वृहस्पतिवार, शुक्रवार।भाग्यशाली संख्या: 3, 4, 9.
व्रत का दिन: मंगलवार।
नियंत्रण: रक्त।
विशेष लक्षण :
जलीय, अचल, जड़, स्थिर राशि, फलदायक, शीर्षाेदय, उत्तर, स्त्री, नकारात्मक, कीट, दिनचर, लम्बा चढ़ावदार, दक्षिणायन, कफमय, मार्गशीर्ष (15नवम्बर - 15दिसम्बर), पूर्वाह्न में बहरा, शुभ, सौम्य, सम, रात की राशि, सूर्य - क्षेत्र, मूल(पेड़ - पौधे), ब्राह्मण, हिंसक राशि, मोक्ष राशि, भौतिक राशि, संकोची, रहस्यमय, दवा, चिकित्सीय ज्ञान, मनोगत, भावनात्मक अन्वेषण, संवेदनशील व स्थिर राशि।
https://m.youtube.com/user/Ekkniya
रूप, रंग व आकार :
सुन्दर स्वरूप, प्रभावशाली व्यक्तित्व, लम्बा कद, सुविकसित हड्डियां, छोटे घने व घुंघराले बाल, गोल घुटने व पिण्डलियां, चौड़ा सीना, चौड़ा ललाट, बड़ी आँखें, गोलाकार जांघें व पेट, निडर आँखें, बचपन में रोग से पीडि़त होना।
सकारात्मक लक्षण/गुण :
झएकाग्रचित होने की दृढ़ क्षमता, ललित कलाओं व नृत्य से लगाव, अच्छा साहित्यकार, बातचीत में कुशल, कल्पनाशील, वचनबद्ध, भौतकवादी, रक्षात्मक, प्रेम प्रसंग में तीव्र व गतिशील, उदार स्वभाव, विलासिता का पक्षधर, निष्ठावान, दृढ़ इच्छाशक्ति, आकर्षक, नौकरी में अच्छा पद हासिल करना, गतिशील, भावुक, बुद्धिमान, समझदार, जांच - परख करना, मर्मज्ञ, दृढ़ निश्चयी, उत्तेजना से लगाव, कामुक, स्व- आलोचक, दयालु।
नकारात्मक लक्षण/गुण :
संदेहशील, क्रूर प्रवृति, धूर्त, निष्ठुर, जलनशील, प्रतिशोधी, क्षमा ना करना, अस्थिर प्रवृति, व्यंग्यपूर्ण, क्रोधी, मितव्ययी, हठी, कामभावना को नियंत्रण करने के लिए दूसरों को उपदेश देना तथा स्वयं का कामुक बातों की तरफ झुकाव होना, गोपनीय, अत्यधिक आलोचनात्मक प्रवृति, अपने सहयोगियों से अपने जैसा ही कठिन श्रम करने की इच्छा रखना, उदासीन, लोचहीन।
अधिशासित शारीरिक अंग :
मूत्राशय, गुदा, यौन अंग, गुदास्थि, ग्रीवा।
ग्रन्थियां, नसें व धमनियां :
जननांग मूत्र प्रणाली, शिश्न की ग्रंथि।
संभावित रोग :
शराबीपन, पीठदर्द, रक्त विषाक्त्ता, मूत्राशयशोथ, नासूर, मूत्राशय में रोड़ी व पथरी, जननांग मूत्र - विकार, सूजाक, अण्डकोष में वृद्धि, हृदय संबंधी समस्या, मासिक से संबंधित परेशानियां, बवासीर, शिश्न ग्रंथि से संबंधित समस्या, रप्चर/टूट - फूट होना, मूत्र की अवधारण क्षमता, गुदा संबंधी विकार, स्करी, उपदंश रोग, गले की समस्या, अल्सर/फोड़ा, मैथुन संबंधी रोग।
https://m.youtube.com/user/Ekkniya
व्यवसाय व व्यापार :
सेना/रक्षा सेवाएं, सिपाही, कला के क्षेत्र में विशेष ख्याति, सरकारी व राजनयिक, अनाज का व्यापार, औद्योगिक उद्यम, अन्वेषक, दवा विक्रेता, अनुसंधान, वैज्ञानिक, चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, चिकित्सक, महिलाओं से संबंधित, लोहा व इस्पात, भण्डारण, बन्दरगाह, गुप्त या अदृश्य कार्य, अदालत व वकील।
राशि वाले :
1 - वृश्चिक राशि वाले स्वतंत्र विचारों के होते हैं किन्तु प्रतिकूल विचार वालों से टकराव नहीं होता।
2 - ये शान्त व मौन विचारों वाले होते हैं किन्तु उकसाने पर उग्र हो जाते हैं।
3 - ये आसानी से किसी को अपना मित्र नहीं बनाते किन्तु एक बार जिसे मित्र बना लेते हैं उसके साथ शीघ्र ही घनिष्ठता स्थापित कर लेते हैं।
4 - ये गहन, मर्मज्ञ व गोपनीय होते हैं।
5 - इन्हे मालिक बन कर आनन्द नहीं आता किन्तु ये अपने मालिक से बहुत प्यार करते हैं।

No comments:

Post a Comment