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धनु राशि एक नजर में

धनु राशि एक नजर में

(Nineth sign of zodiac)
अधिपति: वृहस्पति।
प्रतीक चिन्ह्: धनुर्धारी।
शुभ ग्रह: सूर्य, मंगल।
अशुभ ग्रह: बुध, शुक्र, शनि।
सम ग्रह: गुरु, चंद्रमा।
मारक: शुक्र, शनि।
बाधक स्थान: मिथुन (7वां)।
बाधकपति: बुध।
योगकारक: सूर्य, मंगल, बुध, गुरु।
मूलत्रिकोण: गुरु 0°-10°
मिलान राशि: मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु, कुम्भ।
चंद्रमा शुभ : 23°पर
चंद्रमा अशुभ : 13°,18°
भाग्यशाली परफ्यूम/सुगंध: लिग्नालोज।
भाग्यशाली रत्न: पुखराज धारण करें।भाग्यशाली रंग: संतरी, क्रीम, हल्का नीला, हरा, श्वेत।
लाल, काला, मोती के रंग के प्रयोग से बचें।
भाग्यशाली दिन: रविवार, बुधवार, वृहस्पतिवार, शुक्रवार।
भाग्यशाली संख्या: 1, 3, 4, 6, 8, 9.
व्रत का दिन: बृहस्पतिवार।
नियंत्रण: जीवनशक्ति।
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विशेष लक्षण :
अग्निमय, दोहरा, सामान्य, द्वि - शरीर, द्विस्वभाव राशि, अर्ध फलदायक, पृष्ठोदय, पूरब, सूखा, पुरुष, सकारात्मक, पूर्व का आधा भाग दोपाया तथा बाद का आधा भाग चौपाया, रात्रि संबंधी, मध्यम चढ़ावदार, दक्षिणायन, पित्तमय, पौष (15दिसम्बर - 15जनवरी), दोपहर में बहरा, सूर्य क्षेत्र, अशुभ, क्रूर, विषम, दिन की राशि, जीव(कीट से मनुष्य तक), क्षत्रिय, उभय राशि, पाशविक, रहस्यमय, प्रथम आधा भाग स्वर, दार्शनिक राशि।
रूप, रंग व आकार :
सुविकसित शरीर, सुन्दर स्वरूप, छोटा कद, सामान्यत: लम्बा, हल्के भूरे बाल, बड़ा सिर, बड़ी व लम्बी गरदन, प्रसन्नचित मुस्कान, लम्बा चेहरा, भद्दे नाखून, उन्नत नाक व कान, गोलाकार अंग, स्थूलता की ओर झुकाव, नीचले दांत व नीचला होंठ आकार में बड़े, मांसल भुजाएं, मोटी जांघें, चर्बीदार पेट, झुके हुए कंधे, गोल आँखे।
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सकारात्मक लक्षण/गुण :
धार्मिक, सहानुभूतिपूर्ण, त्याग करने की प्रकृति, दार्शनिक, ईश्वर से डरना, इत्तेफाक पर विश्वास, विस्तृत व निष्पक्ष विचार, आशावादी, दयालु, खरा, शक्तिशाली, ईमानदार, सक्रिय, उद्यमी, गतिशील, बहुमुखी प्रतिभाशील, चतुर, बल के द्वारा काबू में नहीं किया जा सकता किन्तु अनुनय - विनय से बहकाया जा सकता है, विनम्र, उतावला, काल्पनिक विचारों वाला, बाहरी दिखावा व आडम्बर से घृणा, प्रेरक, प्रसन्नचित, परम्परावादी, शिकवा - शिकायत ना करने वाला, स्वच्छंदी, सच्चा।
नकारात्मक लक्षण/गुण :
अनुत्तरदायी, विवादप्रिय, लापरवाह, अत्यधिक चिन्ति्तत, नमकहराम/वचनबद्ध ना होना, डींगें हाकना, उपदेश देने की प्रवृति, अशांत, निर्णय लेने में कमजोर, कठोर, परम्परावादी व व्यावसायी प्रकृति, अतिश्योक्तिपूर्ण बातें करने का आदि।
अधिशासित शारीरिक अंग :
नितम्ब, जांघें, श्रोणि, त्रिकास्थ, यकृत।
ग्रन्थियां, नसें व धमनियां :
कटिस्नायुशूल तंत्रिकाएं, धमनी प्रणाली।
संभावित रोग :
गंजापन, जांघों व नितम्बों के रोग व चोट, यकृत विकार, नर्वस ब्रेकडाउन, फेफड़े, अचानक बेहोश होना, गठिया, मोटापा, गिरना, टॉयफाइड, श्रोणि, घाव, साइटिका, नसों का फूलना, बेचैनी, लकवा, वातरोग।
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व्यवसाय व व्यापार :
मंत्री, आर्मी कमांडर, प्रवक्ता, शिक्षक, प्रोफेसर, प्रकाशक, दार्शनिक, सलाहकार, कार्यकारी अधिकारी, सीविल इंजीनियर, पार्षद, अन्वेषक, पुजारी, पशु चिकित्सक, मवेशी, घुड़सवार, वकील, पेशेवर खिलाड़ी, पशुपालन, मुनीमी।
राशि वाले :
1 - ये व्यापक, विस्तारवादी और दार्शनिक होते हैं।
2 - ये जो भी महसूस करते हैं वो बोल देते हैं बिना ये सोचे कि दूसरे लोग उनकी बातों को पसन्द करेंगे या नहीं।
3 - धनु लग्न वाले बिना कष्ट उठाए लाभ प्राप्त करते हैं यदि पहले, दूसरे, तीसरे, छठवें व ग्यारहवें भाव के स्वामी के नक्षत्र में स्थित हों।

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